आहट
हल्की सी आहट कदमों की
पाकर बदन थिरकने लगते
उद्विग्न प्रत्याशा जगे नयनों में
तन पारिजात महकने लगते।
अनिमेष ही नैनों से नैना मिलते
चक्षु अरुणित[..]
30 मई , 2023
आहट
हल्की सी आहट कदमों की
पाकर बदन थिरकने लगते
उद्विग्न प्रत्याशा जगे नयनों में
तन पारिजात महकने लगते।
अनिमेष ही नैनों से नैना मिलते
चक्षु अरुणित[..]
25 मई , 2023
व्यवहार नैनों का
चंचल चितवन का निमंत्रण, क्यूँ तुमने स्वीकार किया
भुजपाशों में सौंपकर, क्यूँ तुमने इतने अधिकार दिये।
भरा-पुरा संसार दान कर दूँ
अगर साथ तुम्हारा[..]
24 मई , 2023
रिमझिम बरसता सावन
घिर – घिर आये काले – काले बदरा
नयनों में उमड़ – घुमड़ रह-रह बरसाते होगें।
चली गई अँगना किसी की
मस्ती भर-भरकर इठलाती
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23 मई , 2023
मेरी गुंजन की आवाज हो तुम
मेरी उन्मत्त प्रीति अकिंचन
पा लेती है तो पाने को
मधुर प्रणय की जगी चाह को
बहला लेती है गुंजन-रागों[..]
21 मई , 2023
मृत्युलोक के नाते
सदा प्यार अनुराग लुटाने वाले
आज हमसे क्यों रूठे हैं
यह दौर हमसे कहता है,
मृत्युलोक के सारे नाते झूठे हैं।
नेत्र की गहराई[..]
21 मई , 2023
तृषित उर की ये अगिन
तृषित उर की ये अगिन
बरसे अँखियों से निर्झर नलिन
ये कैसा उपहार मिला मुझको,
बनी वो हर वाणी कहानी।
अँखियों के[..]
21 मई , 2023
मै पपीहा प्यासा
सावन – भादों की गझिन घटाओं में
मैं पपीहे की प्यास लिये हूँ।
साँझ जोत जलाये घर-आँगन में
जली जोत अगिन तृष्णा की
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18 मई , 2023
आज कल मैं कैसे जाऊँ
शहर तुम्हारे कैसे मैं जाऊँ
आती याद मुझे वो सब बातें
गुजरा था साथ तुम्हारे,
कभी गली-चौबारे सब बेजान हुई।
क्षण भर[..]
15 अप्रैल , 2023
ये शिरोमणि सिंहासन है
यह वीरों का आसन है
न किसी का इस पर स्वशासन है
रहा बहुबल नित पद्मासन है
यह शिरोमणि सिंहासन है।
यह विशिष्ट[..]
10 अप्रैल , 2023
यौवन किसको कहते हैं…?
सुरम्य पूरन की रात में,
उडुओं की बारात में
हमने पूँछा चंदा की चाँदनी से यौवन किसको कहते हैं ?
हँस के बोली[..]